/गौहत्या पर घमासान, पुलिस पर सवाल ?

गौहत्या पर घमासान, पुलिस पर सवाल ?

वकीलों पर हो रहे आए दिन अत्याचारों के खिलाफ और जोधपुर में हुए जुगराज हत्याकांड का मामला अब गरमात हुआ दिखाई दे रहा है. इस घटना ने एक बार फिर से सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वाकई सुरक्षित हैं क्या सड़क पर चलते हुए कोई भी किसी को भी यू मार सकता है इस घटना ने कानून पर तो सवाल उठाए ही हैं बल्कि सवाल उन नुमाइंदों पर भी उठता है जो हमारी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं और अब यह मामला राजनीतिक भी होने लगा है और जनता की आवाज उठाने के लिए जाने जाने वाले हनुमान बेनीवाल भी अब इस मुद्दे पर आगे आ गए हैं और उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया है

जोधपुर मैं खुले आम सड़क पर मौत का तांडव होने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल कहड़े हो गए है ओर अब चरो तरफ बस आक्रोश ही आक्रोश दिखाई दे रहा है …. इसे सिलसिले मैं पूरे देश मैं वकील लगातार प्रदर्शन कर रहे है ओर अब जनता को उठाने वाले ओर हमेशा उनके साथ खड़े रहने वाले हनुमान बेनीवाल भी इस्स मामले पर गंभीर हो गए है नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर में चाकू मारकर अधिवक्ता की हत्या के बाद परिजन की ओर से दिए गए धरने में पार्टी के विधायकों को शामिल होने के निर्देश भी दिए हैं सांसद ने कहा कि सरकार को दिवंगत अधिवक्ता के परिजनों की मांगों पर सकारात्मक हल निकालने की जरूरत है उन्होंने कहा कि खंडेला में अधिवक्ता हंसराज मावलिया श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में एडवोकेट विजय सिंह का आत्महत्या करने का मामला भी हो चुका है और सरकार ने अब तक इन दोनों मामलों में भी कोई सुध नहीं लगी है और ना ही कोई ठोस कार्यवाही की है बेनीवाल ने कहा कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार को हरसंभव कदम उठाना चाहिए

जोधपुर के माता का थान थाना इलाके के भदवासिया में दिनदहाड़े वकील की हत्या के मामले को लेकर जोधपुर में वकीलों ने सांकेतिक हड़ताल रखी. इस दौरान वकीलों ने न्यायालय में उपस्थिति नहीं देकर अपना विरोध दर्ज करवाया. वकीलों का आरोप है कि अधिवक्ता समुदाय पिछले लंबे समय से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बिल लागू करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को दिनदहाड़े अधिवक्ता चौहान की हत्या कर दी गई. इसको लेकर वकीलों ने महात्मा गांधी अस्पताल मोर्चरी में परिजन और समाज के लोगों के साथ धरना दिया. मुख्यमंत्री के जोधपुर प्रवास के दौरान वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.उन्होंने कहा कि अधिवक्ता की हत्या तथा पूर्व में एक्सीडेंट से उसके पुत्र की मौत के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी जान का खतरा है. ऐसे में उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए. फिलहाल इन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में यह आंदोलन अब बड़ा होता नजर आ रहा है.