/वो दस मिनट वाला मर्डर, ऐसे हादसो से रहे सतर्क 

वो दस मिनट वाला मर्डर, ऐसे हादसो से रहे सतर्क 

यह कहानी है मथुरा की। मथुरा के गांव में एक परिवार रहता था और इस परिवार का नाम था सूबेदार bedar सिंह। उसके दो बेटे थे बड़े बेटे की शादी हो चुकी थी छोटे बेटे के लिए रिश्ता देखा गया रिश्ता भी तय हो गया थोड़ी ही दूर के गांव में रचना नाम की लड़की के साथ अजीत छोटे बेटे की शादी होनी थी उसका नाम था मानवेंद्र अब घर में शादी तय हुई है सब लोग खुश होंगे दोनों परिवार बहुत खुश थे aur bedar Singh bhi ab jimmedaariyon se mukt hone की खुशी में चूर थे । और 26 मार्च 2022 को मानवेंद्र की शादी रचना के साथ हो जाती है और शादी के बाद सब कुछ ठीक भी चल रहा था दोनों परिवार खुश भी थे।
बेदार सिंह की पूरी फैमिली एक साथ एक ही घर में रहती थी और उन्होंने गांव के दूसरे छोर पर एक और घर बना रखा था जिससे कभी फैमिली बड़ी हो तो दोनों घर काम आ सके।
शादी को 15 दिन बीत गए और 10 अप्रैल 2022 के तारीख आई उस दिन मानवेंद्र ने अपने पिता से कहा कि आज हम दोनों हमारे दूसरे घर में जा सकते हैं तो बेदार सिंह ने कोई आपत्ति नहीं दिखाई तो मानवेंद्र अपनी पत्नी को लेकर दूसरे घर में चला गया और उस घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था रात करीब 1:00 बजे का वक्त था अचानक उस घर से चेक की आवाज आई और आस पास कोई भी ना होने के कारण कोई कोई चीज सुनना सका अचानक रात को बधावा से रचना भागती हुई अपने दूसरे घर पहुंचती है और वहां जाकर हो सबको बताती है कि मानवेंद्र को करंट लग गया और वह बेहोश हो गया है यह सुनकर पूरा परिवार सकते में आ गया और सब तुरंत दूसरे घर की तरफ निकल जाते हैं वहां जाकर देखते हैं कि मानवेंद्र के एक पैर के नीचे जले का निशान है और बिजली की नंगे तार पड़ी हुई और फॉरेन घरवाले मानवेंद्र को नजदीकी अस्पताल ले जाते हैं तब तक बहुत देर हो जाती हैं डॉक्टर बताते हैं कि मानवेंद्र की मौत हो चुकी है और डॉक्टर जब निशान और सारी चीज सुनते हैं तो पता चलता है कि बिजली का करंट लगने से मानवेंद्र की मौत हो गई अब घर वाले से एक हाड़ा मानकर उसको झेल लेते हैं। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार भी हो जाता है और पूरे परिवार में मातम छा जाता है क्योंकि जिस घर में 15 दिन पहले शादी की शहनाई या गूंज रही थी वहां पर 15 दिन बाद मौत का मातम मन रहा था। कुछ दिन तक रचना ससुराल में रहे फिर ससुराल वालों को लगा कि सिर्फ 15 दिन में रचना विधवा हो गई थी इसीलिए उसको मायके भेज दे शायद अपने घर वालों के साथ रहकर वह बेहतर महसूस करें इस कारण बेदार सिंह ने रचना को अपने मायके भेज दिया इधर मानवेंद्र का एक मोबाइल फोन था मोबाइल जब बेदार सिंह के हाथ में लगा तो उस मोबाइल पर कई फोन आए हुए थे सूबेदार सिंह ने कुछ का रिप्लाई किया लेकिन उस पर इतने सारे कॉल से आते थे कि बेदार सिंह परेशान हो गए तो 1 दिन वेदर सिंह ने उस को स्विच ऑफ कर दिया और एक बक्से में जिसमें मानवेंद्र की और भी चीजें रखी थी उसमें रख दिया धीरे-धीरे दिन बीते महीने बीता और फिर 1 साल भी दिया 1 दिन वेदर सिंह का बड़ा बेटा जो कोई और नौकरी करता था अपने परिवार के साथ घर आया और बेदार सिंह का एक पोता भी था तो एक रोज उसने खेलते खेलते उस बक्से को खोल दिया जिसमें उसे वह मोबाइल दिया जो स्विच ऑफ करके बेदार सिंह ने रख दिया था और बच्चों को तो मोबाइल आकर्षित करता है यह सबको पता है और उसने मोबाइल को चार्ज पर लगा दिया और उसको चार्ज करके खेलने लगा और खेलते खेलते जब वह मोबाइल कोई छानबीन कर रहा था की उसमें ढेर सारी ऑटो रिकॉर्डिंग हुई हुई थी कई लोग ऐसा करते हैं तो इत्तेफाक से उस बच्चे ने रिकॉर्डिंग ऑडियो प्ले कर दिए ऑडियो सुनते सुनते आवाज सुनी और आवाज सुनी तो उसको सुनकर पहचान गया की आवाज तो उसकी चाची की है और चाची के जो बोलते हुए थे कि मैंने जैसा तुमने कहा उसको 10 मिनट तक करंट दे दिया है अब 10 मिनट में ही मर जाएगा कि नहीं यह बताओ दूसरी तरफ से 1 मार्च की आवाज आती है 10 मिनट तो पक्का मर जाएगा फिर जब आपने रचना की आवाज आती है कि देख लो अगर यह बच गया तो मुझे मार देते फिर वह कहती है कि तूने मुझे 11:00 बजे मिलने का वादा किया था तो तू क्यों नहीं आया तो ऐसे ही बातचीत उन दोनों के बीच में चलती रहती है तो बच्चा जब भी ऑडियो सुनता है तो उसको दिमाग अचानक चलने लगता है और भागकर अपने पिता को यह सब सुना देता है।
अपने पिता के पास जाता है और सारा माजरा हम सबको समझ में आ जाता है जिस घटना को वह हादसा मान रहे थे वह एक सोची समझी साजिश थी और सबूत अब उनके हाथ में था फॉरेन वह मोबाइल लेकर पूरा परिवार पुलिस स्टेशन पहुंचा और सब कुछ पुलिस को बता देते हैं पुलिस फौरन हरकत में आती है और इधर ससुराल से मायके जाने के बाद रचना लौट नहीं रही थी तो पुलिस ने रचना की जानकारी जुटाई और उसकी कुंडली निकाली ते बात निकल कर सामने आई कि रचना अक्सर मानवेंद्र का फोन लेकर अपने मायके में बात करने की बात कह कर किसी से बात किया करती थी और इस शख्स का नाम था अतेंद्र लड़के के बारे में छानबीन की गई तो पता चला कि यह रचना के गांव का ही एक लड़का है और पूछताछ में पता चला यह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन रचना की शादी करवा लो ने मानवेंद्र से कर दी और शादी के बाद रचना अतेंद्र को भूल नहीं पाए शादी के बाद भी उससे बात किया करती थी और उसे महसूस हुआ कि जब मानवेंद्र उसके जिंदगी से नहीं निकलेगा तब तक वह तेंद्र कि नहीं हो पाएगी और इसे के बाद उन्होंने प्लानिंग शुरू की और अतेंद्र ने उसे आईडिया दिया की लगातार 10 मिनट तक अगर तुम उसे करंट दोगी तो मर जाएगा और इस तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया और साजिश को हादसे का रूप दिया था लेकिन अगर मानवेंद्र मोबाइल को ऑटो रिकॉर्डिंग पर ना रखता तो यह राज हमेशा के लिए राज ही रह जाता